लाख प्रयास के बाद भी नहीं सुधर रहे स्कूलों के हालात
प्री प्राइमरी के 108 बच्चों पर महज एक शिक्षक
प्राइमरी के 61.40 बच्चों को एक अध्यापक पढ़ा रहा
प्रदेश के स्कूलों में 38.52 प्रतिशत रिक्त शिक्षकों के पद भरने की दरकार
ओ.पी. पाल.रोहतक।
मर्ज बढ़ता गया,ज्यों ज्यों दवा की, ये पक्तियां प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर सौ फीसदी सटीक बैठती है। सरकार के लाख प्रयास के बावजूद राज्य के स्कूली ढांचे में कोई सुधार होता नजर नहीं आ रहा। चिंता की बात है कि हाई स्कूल शिक्षा के हालात तो कुछ ठीक हैं, लेकिन प्राइमरी और प्री प्राइमरी की स्थिति बदहाल है। जिससे नौनिहालों की नींव ही दरक रही है। प्राइमरी स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षकों पद महज 38.5 फीसदी भरे हुए हैं, जबकि हायर सेकेंडरी में यह आंकड़ा 96.5 प्रतिशत है। हालात का आंकलन इसी से लगाया जा सकता है कि प्री प्राइमरी के 108 बच्चों पर महज एक शिक्षक है और प्राइमरी के 61.40 बच्चों को एक अध्यापक पढ़ा रहा है। प्रदेश के स्कूलों में स्वीकृत 1,30,054 पदों के मुकाबले 93,883 शिक्षक कार्यरत है और 36,171 यानी करीब 38.52 प्रतिशत पद खाली हैं। सरकार का यह भी दावा है कि पिछले सत्र की तुलना में 2021-22 में विद्यार्थियों की संख्या में 3.25 लाख का इजाफा हुआ है और छह हजार शिक्षकों की भर्ती भी की गई है। हालात ये हैं कि नूंह जिले में 17 प्राथमिक विद्यालय में 1,501 छात्रों के लिए एक भी शिक्षक नियुक्त नहीं है। एक स्कूल में 411 छात्रों को सिर्फ एक शिक्षक पढ़ाता है। सरकार ने छात्रों और शिक्षकों की कमी के नाम पर साल 2022 में 292 स्कूल बंद करके कुछ को विलय कर दिया और शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए 20 हजार से अधिक पीजीटी, टीजीटी और अन्य शिक्षकों की भर्ती करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्णय लिया था। डाइज के अनुसार प्रदेश में छात्र-शिक्षक का औसतन अनुपात 26 और औसतन एक स्कूल में 10 शिक्षक की नियुक्ति है। जबकि स्कूलों में विद्यार्थियों का औसत 254 प्रति स्कूल है।
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हरियाणा में स्कूलों में शिक्षकों के बढ़ते टोटे के कारण बुनियादी शिक्षा की जड़े कमजोर होना स्वाभाविक हैं, जहां नई शिक्षा नीति-2020 के तहत विद्यालयी शिक्षा के हरेक स्तर पर छात्र-शिक्षक के अनुपात को पूरा करना तो अभी कोसो दूर है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के प्रावधान के अनुसार कक्षा एक से पांच तक 30 बच्चों और कक्षा छह से आठ तक के 35 बच्चों और प्राथमिक स्तर पर 40 छात्रों पर एक शिक्षक का प्रावधान है। वहीं कक्षा छह से आठ के लिए विज्ञान व गणित का एक शिक्षक, सामाजिक अध्ययन का एक शिक्षक और भाषा के एक शिक्षक का होना अनिवार्य है। लेकिन इसके विपरीत प्रदेश में छात्र और शिक्षकों के अनुपात में बहुत बड़ी खाई बनी हुई है। डायज की साल 2021-22 की रिपोर्ट पर गौर करें तो प्रदेश में प्री-प्राइमरी जिसे शिक्षा की बुनियाद कहा जाता है, उसमें छात्र-शिक्षक का अनुपात 108.48 बच्चों पर महज एक ही अध्यापक है। जबकि प्राइमरी में 61.40 छात्रों, अपर प्राइमरी में 40.67 छात्रों और सेकेंडरी में 29.5 एक शिक्षक नियुक्त है। प्रदेश में छात्र-शिक्षक अनुपात को संतुलित करने का एकमात्र समाधान शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने पर निर्भर है। हालांकि राज्य सरकार शिक्षा विभाग ने नए नियम जारी करके प्रदेश के सभी प्राइमरी स्कूलों में 25 बच्चों पर एक शिक्षक नियुक्त करने के प्रयास में शिक्षकों की भर्ती के प्रयास शुरु कर दिये हैं।
तीन साल में 20 हजार शिक्षको की कमी
प्रदेश के स्कूलों में पिछले तीन सालों में जहां 27,983 छात्रों के नामांकन में इजाफा हुआ है, वहीं इस दौरान प्रदेश में शिक्षकों के 19,772 पदों में कमी दर्ज की गई है। मसलन जहां साल 2019-20 में 2,57,366 शिक्षक थे, वहीं सेवानिवृत्ति या अन्य किन्हीं कारणों से 2021-22 में सभी स्कूलों में शिक्षकों की संख्या घटकर 2,37,594 रह गई है, जिसमें सरकारी स्कूलों के 93,883 शिक्षक ही फिलहाल नियुक्त है, जबकि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 1,30,054 पद स्वीकृत हैं। इस प्रकार सरकार के सामने 38.52 प्रतिशत रिक्त पदों को भरने की दरकार है। गौरतलब है कि संसद के बजट सत्र के दौरान भी हरियाणा में शिक्षकों की कमी के कारण स्कूली शिक्षा की बदहाली को लेकर सवाल उठाए गये थे, जिसके बाद राज्य सरकार शिक्षा में सुधार करने के प्रयास कर रही हैं। सरकारी स्कूलों में मौजूदा 93,883 शिक्षकों में राजकीय स्कूलों में 92,120, केंद्रीय विद्यालयों में 1,192 तथा 505 जवाहर नवोदय विद्यालयों में नियुक्त हैं। जबकि सरकार से मान्यता प्राप्त स्कूलों में 323 और अन्य निजी गैरमान्यता प्राप्त स्कूलों में 1,36,825 शिक्षक तैनात हैं। जहां तक छात्र और शिक्षक के औसतन अनुपात का सवाल है, उसमें सुधार नजर आया है। तीन साल पहले यह औसतन अनुपात 30.55 था तो अब 26 तक पहुंचा है। पिछले साल यह अनुपात 34.92 प्रति शिक्षक था।
सरकारी स्कूलों की संख्या ज्यादा
प्रदेश में कक्षा एक से 12 तक के स्कूलों की कुल संख्या 23726 में से सबसे ज्यादा 14562 सरकारी हैं, जिनमें कक्षा एक से पांच तक के 8676, कक्षा छह से आठ तक के 2450 और कक्षा नौ से 12 तक 23332 स्कूल हैं। इसके अलावा सरकार से मान्यता प्राप्त 16, प्राइवेट गैरमान्यता प्राप्त 8261 तथा 887 अन्य निजी स्कूल संचालित हैं।
शिक्षा विभाग के नए नियम
हरियाणा शिक्षा विभाग ने जेबीटी शिक्षकों की नई रेशनेलाइजेशन (छात्र-शिक्षक अनुपात) जारी किया है। अबकी बार प्राइमरी स्कूलों में 30 की बजाय 25 छात्रों पर एक शिक्षक होगा। नए नियम के मुताबिक इस बार 101 से 125 और 126 से 150 तक छात्र होने पर भी स्कूल को केवल पांच शिक्षक ही मिलेंगे, जबकि पहले 121 से 200 तक छात्र होने पर पांच शिक्षक नियुक्त किए जाते थे, लेकिन अब स्कूल में 151 बच्चे होने पर ही हेड टीचर का पद मिल सकेगा। हालांकि जेबीटी शिक्षकों की मांग है कि 126 बच्चे होने पर एक हेड टीचर का पद दिया जाए। वहीं 151 से 175 तक छात्र संख्या पर छह जेबीटी व एक हेड टीचर मिलेगा और 176 से 200 तक छात्र संख्या होने पर सात जेबीटी व एक हेड टीचर होगा।
ये छात्र-शिक्षक अनुपात का नियम
शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के अनुसार कक्षा एक से पांच तक 60 बच्चों पर दो शिक्षक रखने का प्रावधान है। वहीं 61 से 90 बच्चों पर तीन शिक्षक तथा 91 से 120 बच्चों पर चार शिक्षक होने चाहिए। इसी प्रकार 121 से 200 छात्र संख्या रहने पर पांच शिक्षक रखने का प्रावधान है। वहीं कक्षा छह से आठ के लिए विज्ञान व गणित का एक शिक्षक, सामाजिक अध्ययन का एक शिक्षक और भाषा के एक शिक्षक का होना अनिवार्य है। 35 छात्रों पर कम से कम एक शिक्षक होना चाहिए। जहां 100 से अधिक बच्चे हैं, वहां एक स्थायी प्रधानाध्यापक, अंशकालिक शिक्षक, कला शिक्षक, स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षक का होना अनिवार्य है।
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टेबल
हरियाणा में शिक्षकों की माजूदा स्थिति
कक्षाएं शिक्षक - सरकारी- मान्यता प्राप्त- गैर मान्यता प्राप्त-अन्य
प्री-प्राइमरी- 2246 15 0 2127 104
प्री प्राइमरी-प्राइमरी- 921 7 1 856 57
प्राइमरी- 86599 36314 93 45998 4194
प्राइमरी-अपर प्राइमरी- 13613 61 18 13010 524
अपर प्राइमरी- 41245 19226 14 20417 1588
अपर प्राइमरी-सेकेंडरी- 22497 8511 62 13896 28
सेकेंडरी- 17040 4339 38 12622 41
सेकेंडरी-हायर सेंकेडरी-39310 21695 63 17530 22
हायर सेंकेडरी- 14123 3715 34 10369 5
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कुल शिक्षक 237594 93883 323 136825 6563
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छात्र-शिक्षक अनुपात
कक्षा शिक्षक छात्र छात्र प्रति शिक्षक बच्चों का नामांकन अनुपात
प्री प्राइमरी 2246 243645 108.48 ----
प्राइमरी 42008 2579262 61.40 104
अपर प्राइमरी 36397 1480339 40.67 102
सेकेंडरी 32774 952143 29.05 94.7
हायर सेकेंडरी 126415 780290 6.17 75.5
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हरियाणा स्कूली शिक्षा का ढांचा
वर्ष स्कूल शिक्षक छात्र ---- प्रवेश पंजीकरण
-प्री प्राइमरी प्राइमरी अपर प्राइमरी सेकेंडरी हायरसेकेंडरी
2015-16 22315 205458 5513028- 188839- 2336650- 1394294- 879090- 595955
2016-17 22787 214882 5624260- 290239- 2400133- 1424769- 901317- 607802
2017-18 23235 230182 5767369- 262166- 2504133- 1448258- 962670- 590142
2018-19 23534 242135 5894485- 330308- 2546529- 1456517- 967567- 593564
2019-20 23699 257366 6007696- 353704- 2586473- 1459437- 959243- 648839
2020-21 23764 242405 5808640- 206487- 2498572- 1443313- 964279- 695989
2021-22 23726 237594 6035679- 243645- 2579262- 1480339- 952143- 780290
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19June-2023
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