वक्फ बोर्ड की अधिकांश संपत्तियों पर अवैध कब्जा
दो साल में मुकदमेबाजी में भी हुआ तीन गुणा इजाफा
ओ.पी. पाल.रोहतक।
प्रदेश का वक्फ बोर्ड सरकारी कागजों में तो बेशुमार अमीर है, लेकिन उसकी मलकियत का बड़ा हिस्सा दबंगों के शिकंजे में फंसा हुआ है। लाख प्रयासों के बावजूद अवैध कब्जे घटने की बजाय बढ़ रहे हैं। राज्यभर में बोर्ड के पास कुल 21,094 संपतियां हैं और इनमें से 2,031 किसी न किसी कारण अवैध कब्जे की चपेट में हैं, तो वहीं वक्फ बोर्ड की 92 संपत्तियां मुकदमेबाजी में फंसी हुई हैं, जिनमें अदालत में मुकदमेबाजी चल रही है । इनमें से अनेक संपतियां तो ऐसी भी हैं, जिन्हें बोर्ड ने अपने रिकार्ड में तो किराये पर दे रखा है, लेकिन खाली होने की उम्मीद न के बराबर है। यहां तक कि बोर्ड की खाली पड़ी जमीन पर भी भू माफिया गिद नजरें गढाए हुए है। प्रदेशभर में फैले कुल 1244 प्लाटों को सहजना भी बोर्ड के लिए परेशानी का सबसे बना हुआ है।
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हरियाणा वक्फ बोर्ड के लिए प्रदेश में 2031 संपत्तियों को अवैध कब्जामुक्त कराना एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है, जबकि उसके पास वक्फ कानून 1995 के अनुच्छेधद 32 के संशोधित प्रावधानों के तहत वक्फए की संपत्तिद के प्रबंधन तथा ऐसी संपत्तिियों पर अवैध कब्जेम या अतिक्रमण के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की पूरी शक्तिंयां हैं। मसलन बोर्ड इस वक्फै कानून के अनुच्छेरद 54 और 55 में राज्यत वक्फप बोर्डो की अनुमति के बगैर किसी भी वक्फन संपत्तिच पर कब्जा या हड़पने वालों के लिए सख्त जेल की सजा का प्रावधान भी है। इसके बावजूद प्रदेश में बोर्ड की संपत्तियों पर अवैध कब्जों की भरमार है। हालात यहां तक पहुंच गये है कि वक्फ संपत्तियों के अदालती मामलों की संख्या भी पिछले दो साल मे 34 से बढ़कर करीब तीन गुणा 92 हो गई है। प्रदेश भर में वक्फ़ बोर्ड की अवैध कब्जे वाली संपत्तियों में एक हजार से ज्यादा मस्जिद निजी लोगों के कब्जे में हैं, जबकि दो साल पहले ऐसी कब्जे वाली संपत्ति की संख्या महज 754 थी। निजी लोगों का कब्जा था। यही नहीं साल 2015 में कानूनी संशोधन के बाद वक्फ़ संपत्ति के किराएदारों और पट्टेदार के डिफाल्टरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। राज्य सरकार ने ऐसी संपत्ति5यों में रहने वाले किराएदारों को खाली कराने से जुड़े विवादों की सुनवाई के लिए अधिक अधिकार संपन्न तीन सदस्यीयय न्यारयाधिकरण भी बनाया हुआ है। राज्या और संघ शासित वक्फय बोर्डों द्वारा कानून की व्यचवस्थाखओं के अनुपालन पर केन्द्रा सरकार समय समय पर नजर रखती है।
नूहं में सर्वाधिक संपत्तियों पर कब्जा
प्रदेश के नूहं जिले में वक्फ़ बोर्ड की सर्वाधिक 3600 संपत्तियां हैं, जिनमें सर्वाधिक ही 659 अवैध कब्जे में फंसी हैं। जबकि सबसे कम 246 संपत्ति पंचकूला में हैं, 21 संपत्तियों पर अवैध कब्जा है। जहां तक मुकदमेबाजी में फंसी संपत्तियों का सवाल है उनमें सबसे ज्याद हिसार में 21 तथा फतेहाबाद व पंचकूला में 11-11, सिरसा में दस तथा यमुनानगर व जींद में 8-8 संपत्तियां न्यायालय में फंसी हैं।
सदन में भी उठा मामला
हरियाणा विधानसभा के गत मार्च में बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक मम्मन खान ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर अवैध कब्जे का मामला उठाया था, जिसके जवाब में सदन में संसदीय कार्य मंत्री कवंर पाल सिंह ने माना था कि 2013-2014 में केंद्र सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड की जमीन बोली के माध्यम से देने का कानून पारित होने के बाद लीज का नवीनीकरण बंद हुआ तो प्रदेश में वक्फ सपंत्ति के डिफाल्टर पट्टेदार व किराएदारों में इजाफा होने लगा। हालांकि ऐसे डिफाल्टर 12,436 पट्टेदारो में से करीब 600 डिफाल्टर लीज का नवीनीकरण करा लिया है। हरियाणा वक्फ बोर्ड ने ऐसे डिफाल्टरों व कब्जाधारियों को कानूनी नोटिस जारी करके कानूनी कार्रवाई करना शुरु किया है। इसी प्रकार बोर्ड प्रेरक तरीकों और कानूनी प्रवर्तन के माध्यम से भी मस्जिदों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की कोशिश कर रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा संपत्ति
हरियाणा वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर सरकार की एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश की जिन वक्फ़ संपत्तियों का डिजिटलीकरण किया गया है। वक्फ संपत्तियों के अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण के लिए केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की योजना के तहत हरियाणा वक्फ बोर्ड को केंद्रीय कंप्यूटिंग सुविधाएं स्थापित करने, तकनीकी सहायता के लिए भुगतान करने, वक्फ रिकॉर्ड के लिए डेटा बनाने और वक्फ रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण के लिए 27.10 लाख रुपये दिये गये। अभी तक प्रदेश में 12,642 वक्फ संपतियों के दस्तावेजों को डिजिटाइलेशन किया जा चुका है। वेब-आधारित सॉफ्टवेयर डब्ल्यूएएमएसआई के चार मॉड्यूल अपनाए गये, जिनमें राज्य वक्फ बोर्डों को पंजीकरण, मुकदमेबाजी पर नज़र रखने, वक्फ संपत्ति को पट्टे पर देने और मुतवल्ली रिटर्न के आकलन में मदद मिल रही है। बोर्ड में अभी तक डिजिटलीकृत 12,642 संपत्तियों में 8207 ग्रामीण व 4317 संपत्तियां शहरी क्षेत्र में हैं। इन सभी संपत्तियों का कुल क्षेत्रफल 20919.3 एकड़ पाया गया है। वक्फ़ की 30 फीसदी संपत्तियों पर व्यवसायिक व 55 फीसदी पर रिहायशी गतिविधियां चल रही हैं। जबकि बचे जमीन पर कृषि का कार्य हो रहा है। हरियाणा वक्फ़ बोर्ड प्रदेश में अरबो रुपये कीमत की 23,125 वक्फ़ संपत्तियों का नियंत्रण तो करता ही है।
प्लाट से लेकर मस्जिद तक नियंत्रण
वहीं प्रदेश में अधिसूचित 5993 मस्जिदों, 68 मदरसे, पांच मकतब मस्जिद, 244 ईदगाह, 184 इमामबाडो (कर्बला) और पांच दारुल उलूम, 276 स्कूल के अलावा 900 दरगाह, मजार या मकबरों का प्रबंधन भी करता है। प्रदेश में वक्फ 5808 कब्रिस्तान, 3459 आवास, 26 हुजरा, सात भवनों, 10 मुसाफिरखानों, 689 खानकहा, 1244 प्लाटों, 1596 दुकानों और 925 कृषिभूमि को भी नियंत्रण करता है। इसके अलावा 902 टाकिया समेत अन्य करीब 800 संपत्तियां बोर्ड के प्रबंधन के दायरे में हैं। प्रदेश में 23,117 वक्फ संपत्तियों को किराए पर दिया है और इन संपत्तियों से बोर्ड को करीब 20 करोड़ की आमदनी होती है।
शिक्षण क्षेत्र में गतिविधियां
अल्पसंख्यकों में शिक्षा का प्रसार करना बोर्ड ने प्रदेश में वक्फ़ की जमीन पर शैक्षणिक संस्थान, छात्रावास, कोचिंग सेंटर, लड़कियों के लिए वक्फ कटिंग, टेलरिंग और ड्रेस मेकिंग सेंटर जैसे व्यवसायिक कार्यक्रमों जैसी गतिविधियों को तेज किया गया है। पिछले वित्त वर्ष में राज्य सरकार ने ऐसी शैक्षिक गतिविधियों पर 2.03 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। बोर्ड ने शिक्षा बजट को लगभग 4 करोड़ रुपये से अधिक करने का फैसला किया है। वक्फ़ बोर्ड की आमदनी बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने उसके अधीन संपत्ति पर मैरीज होम, शॉपिंग मॉल आदि व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ाने की योजना बनाई है। बोर्ड ने अंबाला और पानीपत में स्कूल और नूंह जिले में एक इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की है। बोर्ड निजी संस्थानों द्वारा संचालित कई कॉलेजों, स्कूलों, मदरसों और व्यावसायिक केंद्रों को वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रहा है। मदरसों और मकतबों में पवित्र कुरान, अरबी और उर्दू पढ़ने वाले मुस्लिम बच्चों को अपने करियर के निर्माण के लिए सामान्य अध्ययन के लिए पास के सरकारी स्कूलों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
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टेबल
हरियाणा में वक्फ संपत्ति की मौजूदा स्थिति
जिला कुल संपत्ति वक्फ प्रबंधन कब्जा मुकदमेबाजी
अंबाला: 1995 1752 243 02
भिवानी : 501 491 10 00
फरीबादाबाद : 441 378 63 01
फतेहाबाद : 1121 1067 54 11
गुरुग्राम : 767 709 58 04
हिसार : 1095 1063 32 21
झज्जर : 749 734 15 05
जींद : 884 852 32 08
कैथल : 764 741 23 02
करनाल : 1164 1013 151 02
कुरुक्षेत्र : 1338 1251 87 05
महेंद्रगढ़ : 865 828 37 00
नूंह(मेवात): 3600 2941 659 00
पलवल : 845 777 68 00
पंचकूला : 246 225 21 11
पानीपत : 1432 1354 78 00
रेवाड़ी : 628 622 06 00
रोहतक : 900 841 59 01
सिरसा : 1103 948 155 10
सोनीपत : 1558 1513 45 01
यमुनानगर : 1129 994 135 08
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कुल 23125 21094 2031 92
05June-2023
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