बुधवार, 26 नवंबर 2025

दिल्ली बलास्ट: आतंकियों क ठिकाना रहे मुजफ्फरनगर पर भी सुरक्षा एजेंसियों की पैनी नजर

आतंकियों का सुरक्षित शरणगाह रहा है मुजफ्फरनगर व शामली जिला 
पिछले दशकों में पकड़े जा चुके हैं दर्जनों आतंकी व एजेंट 
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। 
 दिल्ली में लाल किला के पास सोमवार की शाम हुए कार बम बलास्ट के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खासतौर से मुजफ्फरनगर भी इसलिए सुरक्षा एजेंसियों की जांच के दायरे में माना जा रहा है कि मुजफ्फरनगर कभी आतंकवादियों का सुरक्षित शरणगाह रहा है और आतंकदी संगठनों से जुड़े आतंकी पकड़े भी जा चुके हैं। आतंकियों व शरणदाताओं के ठिकानों पर एटीएस व पुलिस की छापेमारी की जा रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिले समय समय पर आतंकवादियों की शरणस्थली के रुप सुरक्षित रहे है। इस कारण मुजफ्फरनगर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश का क्षेत्र खुफिया अलर्ट पर रहा है। सूत्रों की माने तो दिल्ली बलास्ट के बाद मुजफ्फरनगर व शामली भी आतंकवादियों की जांच और तलाश के लिए सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर है, क्यों कि शामली के कैराना-कांधला का नाम आतंकी कनेक्शन में जुड़ रहा है। मसलन सुरक्षा एजेंसियां खुफिया विभाग मुजफ्फरनगर जिले में नब्बे के दशक और उसके बाद पकड़े गये आतंकियों और उनको पनाह देने वालों की कुंडली खंगालने में जुटी हुई है। हाल ही में रविवार को कस्बा झिंझाना के मोहल्ला शेखा मैदान निवासी आतंकी आजाद शेख को अहमदाबाद एटीएस ने गिरफ्तार किया था। गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर व शामली जिलों, खासतौर से पाक खुफिया आईएसआई एजेटों का केंद्र रहे कैराना से समय समय पर आतंकी संगठनों के एजेंट पकड़े जा चुके है। इनमे आतंकवादी गतिविधयों में लिप्त कैराना के इकबाल मलिक उर्फ काना का आज तक पुलिस काई सुराग तक नहीं जुटा पायी है, जो । जबकि चरथावल के दंगा पीड़ितों के लिए लगाये एक कैम्प में भी आतंकी संगठन के एजेंट रात गुजारकर पुलिस को चकमा दे चुके हैं, जिन्होंने दंगा पीड़ितों को देश विरोधी कामों के लिए उकसाया था। सूत्रों की माने तो, दिल्ली बम बलास्ट के बाद एक बार सुरक्षा एजेसियों की नजरें मुजफ्फरनगर पर टिकी हुई है और सुरक्षा एजेंसियों तथा एटीएस की टीमें जनपद मुजफ्फरनगर व शामली जनपदों में कुछ ठिकानों पर छापेमारी करने की कार्यवाही कर चुकी हैं। 
हथियार और नकली नोटों की तस्करी में लिप्त रहा काना 
कैराना की इकबाल मलिक उर्फ काना कभी समझौता एक्सप्रेस से सूखे मेवे की आड़ में हथियार और नकली नोटों की तस्करी करता था। इकबाल काना के ठिकाने से 1995 में हथियारों की खेप पकड़ी गई, जिसके बाद काना पाकिस्तान भाग गया। इकबाल काना और दिलशाद मिर्जा पाकिस्तान में रहकर नकली नोट और हथियारों की सप्लाई का नेटवर्क चला रहे हैं।आज इकबाल काना आइएसआइ कमांडर के रूप में आतंकी गतिविधियों में लिप्त बताया जा रहा है। 
पिछले तीन दश्कों में कई गिरफ्तार 
जिले में संदिग्ध गतिविधियों का इतिहास रहा है। वर्ष 2000 में मुजफ्फरनगर के गांव जौला से आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के कमांडर मोहम्मद वारस को गिरफ्तार किया गया। वर्ष 2005 में एसटीएफ ने शामली से पांच किलो आरडीएक्स और अत्याधुनिक असलाह के साथ जम्मू कश्मीर निवासी तीन युवकों को गिरफ्तार किया था। साल 2007 में कांधला के मुहल्ला शेखजादगान निवासी साबिर पुत्र नूरा और मोहल्ला रायजादगान निवासी शकीरन अटारी बार्डर पर हेरोइन के साथ पकडी गई थी। वर्ष 2013 में कांधला के मुहल्ला शेखजादगान निवासी शहनाज, मुल्ला नसीर और अनीस को हथियार तस्करी के आरोप में अटारी बार्डर पर पकड़ा गया। वर्ष 2015 में थानाभवन के मदीना कालोनी में रह रहा बांग्लादेशी यासीन परिवार सहित फरार हो गया था। उसने राशन कार्ड भी बनवा लिया था। वर्ष 2016 में गंगेरू निवासी इस्माईल को अटारी बार्डर पर टिन के बॉक्स में चार पिस्टल और सात मैगजीन के साथ दबोचा गया। नवंबर 2016 में नाभा जेल ब्रेक कर खालसा लिब्रेशन फ्रंट के चीफ सहित छह आतंकियों को भगाने का मास्टर माइंड परमिंदर उर्फ पिंदा कैराना से गिरफ्तार किया गया। जबकि 29 अक्तूबर 2016 को कैराना निवासी फरहत खान को दिल्ली में पाक के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वर्ष 2018 में कैराना निवासी पाकिस्तान से कुर्कर की आड़ में पिस्टल लाते हुए गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2023 में एसटीएफ मेरठ ने आइएसआइ एजेंट कलीम को गिरफ्तार किया, जो पाकिस्तान में 14 महीने रहकर आया था। साथ ही उसके भाई तहसीम मोटा को भी गिरफ्तार किया गया। साल 2024 में हरियाणा की सीआइए टीम ने कैराना निवासी नोमान को गिरफ्तार किया था, जो आइएसआइ कमांडर इकबाल काना के संपर्क में था और देशी विरोधी गतिविधि में शामिल पाया गया। 
नब्बे के दशक में पकडे गए आतंकी 
जनपद मुजफ्फरनगर व शामली जनपदों के आतंकी गतिविधियों के तहत वर्ष 1994 में थाना सिविल लाइन के मौहल्ला महमूदनगर में रह रहे आतंकी संगठन जेश ए मौहम्मद का एजेंट अब्दुल जब्बार पकड़ा गया था। यह आतंकवादियों को परीक्षण दिलवाने का काम करता था। जबकि वर्ष 1996 में खालापार में रह रहे लश्कर ए तैय्यबा के एजेंट जाकारिया को पकड़ा था। यह पाकिस्तान का रहने वाले है और दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर इसे जम्मू कश्मीर पुलिस के हवाले किया था। इसको शरण देने में योगेन्द्रपुरी निवासी इजहार, सुजडू निवासी अथर, चित्तौडा निवासी जानमौहम्मद व खालापार निवासी इनाम इलाही को भी गिरफ्तार किया था। वर्ष 2002 में शहर कोतवाली के गांव शेरपुर से अब्दुल गफ्फार, गय्यूर व शकीला तथा दौराला निवासी अब्दुल हक की गिरफ्तारी हुई थी। खुफिया विभाग का कहना है कि इनके कब्जे से सेना के गुप्त दस्तावेज बरामद हुए थे। ये सब लोग आतंकी संगठन जेश ए मौहम्मद के लिए काम करते थे। अम्बाला की जीआरपी ने वर्ष 2003 में मीरांपुर के मौहम्मद उमर को गिरफ्तार किया था। इसके पास अम्बाला केंट के नक्शे बरामद हुए थे। यह भी जेश ए मौहम्मद संगठन से जुडा था। मोदीनगर पुलिस ने मीराुप्पुर के इलियास सैफी तथा कांधला पुलिस ने बुढाना के इस्लाम को गिरफ्तार कर लिया था। इनके पास से जरूरी दस्तावेज मिले थे। वर्ष 2014 में खतौली पुलिस व एटीएस ने आतंकी सलीम पतला को गिरफ्तार किया था। यह काफी समय से मुरादाबार में छिपकर मोबाइल की दुकान चलाता था। इसके संबंध में कश्मीर के अलगाव वादी संगठन से थे। फिलहाल यह जेल में है। 10 जुलाई 2017 को जम्मू पुलिस ने आतंकी सदीप कुमार शर्मा निवासी अंकित विहार मुजफ्फरनगर को कश्मीर के अंनतनाग से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आंतकी लश्कर ए तैय्यबा के लिए काम करता था। अनंतनाग में उसने अपने साथियों के साथ बम विस्फोट किया था। इसी प्रकार 6 अगस्त 2017 को एटीएस ने चरथावल थाना क्षेत्र के कुटसेरा में स्थित हुसैनिया मस्जिद से आंतकी इमाम अब्दुल्लाह उल मामेन को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार आतंकी से फर्जी पासपोर्ट व आधार कार्ड मिला था। 
14Nov-2025

भारत ने कुष्ठ रोग उन्मूलन में हासिल की ऐतिहासिक सफलता

 

-1981 के मुकाबले 2025 में लगभग खत्म होता दिख रहा कुष्ठ रोगियों का ग्राफ 
-दस हजार की जनसंख्या पर एक मरीज से भी कम 
-प्रचलन दर, देश के 638 जिलो का आंकड़ा जारी 
ओ.पी.पाल.नई दिल्ली। 
भारत ने कुष्ठ रोग नियंत्रण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है। वर्ष 1981 में जहाँ कुष्ठ रोग की प्रचलन दर प्रति 10,000 जनसंख्या पर 57.2 थी, वहीं यह दर घटकर 2025 में मात्र 0.57 रह गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार नए पाए गए मामलों में बाल मामलों का प्रतिशत भी लगातार घट रहा है। 2014-15 में 9.04 प्रतिशत से घटकर 2024-25 में सिर्फ 4.68 प्रतिशत रह गया है। मार्च 2025 तक, देश के 31 राज्य और 638 ज़िले प्रति 10,000 जनसंख्या पर 1 से कम प्रचलन दर हासिल कर चुके हैं। यह दर्शाता है कि भारत ने राष्ट्रीय स्तर पर कुष्ठ रोग उन्मूलन की स्थिति को न केवल बनाए रखा है, बल्कि और भी मजबूत किया है।स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह सफलता निरंतर जनजागरूकता अभियानों, समय पर उपचार और सामुदायिक सहयोग का परिणाम है। 
क्या है कुष्ठ रोग: 
कुष्ठ रोग या हैन्सन रोग, माइकोबैक्टीरियम लेप्री नामक जीवाणु के कारण होने वाला एक दीर्घकालिक संक्रामक रोग है। यह संक्रमण तंत्रिकाओं, श्वसन तंत्र, त्वचा और आँखों को प्रभावित कर सकता है। इसके लक्षणों में त्वचा पर रंगहीन धब्बे, स्पर्श, दबाव, दर्द, गर्मी और सर्दी का एहसास न होना, मांसपेशियों में कमज़ोरी, असाध्य घाव, विशेष रूप से हाथों, पैरों और चेहरे में विकृतियां, आँखें बंद न कर पाना और कमज़ोर दृष्टि शामिल हैं। कुष्ठ रोग अनुपचारित रोगियों के साथ निकट और निरन्तर संपर्क के दौरान नाक और मुँह से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से फैलता है। इस रोग से डर लगता है क्योंकि यह विकृति का कारण बन सकता है; यही इस रोग से जुड़े पारंपरिक सामाजिक बहिष्कांर का कारण भी है। कुष्ठ रोग मल्टीबैसिलरी या पॉसीबैसिलरी हो सकता है। जहाँ एक ओर, मल्टीबैसिलरी कुष्ठ रोग में स्लिट-स्किन स्मिअर परीक्षण में जीवाणुओं का उच्च घनत्व दिखाई देता है, वहीं पॉसीबैसिलरी कुष्ठ रोग के मामलों में स्लिट-स्किन स्मिअॅर परीक्षण में बहुत कम या कोई जीवाणु नहीं दिखाई देते। भारत में 1983 में बहुऔषधि चिकित्सा (एमडीटी) की शुरुआत ने कुष्ठ रोग के उपचार में क्रांति ला दी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा रोगियों को एमडीटी उपचार निःशुल्क प्रदान किया जाता है। एमडीटी द्वारा शीघ्र निदान और उपचार से विकलांगता और विकृतियों को रोका जा सकता है। एमडीटी की शुरुआत के बाद से, इस रोग की घटनाओं और प्रचलन में उल्लेखनीय कमी आई है! 
मार्च 2025 तक प्रति 10000 की जनसंख्या पर राज्यवार एनएलईपी की प्रचलन दरे 
 प्रचलन दर 10,000 पर 
आंध्र प्रदेश   0.46
नागालैण्ड   0.11 
अरुणाचल प्रदेश  0.15
ओडिशा 1.37 
असम   0.26
 पंजाब   0.14 
बिहार   0.85
राजस्थान   0.14 
छत्तीसगढ़ 1.80
सिक्किम   0.17 
गोवा   0.45
 तमिलनाडु   0.26 
गुजरात   0.38
 तेलंगाना   0.46 
हरियाणा   0.13 
त्रिपुरा   0.02 
हिमाचल प्रदेश   0.14
उत्तर प्रदेश   0.37 
झारखंड   1.46
उत्तराखंड   0.22 
जम्मू एवं कश्मीर  0.07
 पश्चिम बंगाल   0.46 
कर्नाटक   0.27
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह   0.19 
केरल   0.11
 चंडीगढ़   1.35 
मध्य प्रदेश  0.82
डीडी और डीएनएच   0.63 
महाराष्ट्र   1.12
 दिल्ली   0.71 
मणिपुर   0.05
 लक्षद्वीप   0.14 
मेघालय   0.03
 लद्दाख   0.33 
मिजोरम  0.10
 पुदुचेरी   0.11
06Oct-2025